मतदान की तारीख को लेकर भाजपा-कांग्रेस आमने सामने
- By Vinod --
- Saturday, 24 Aug, 2024
BJP-Congress face to face regarding voting date
BJP-Congress face to face regarding voting date- चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश की 90 सीटों पर पहली अक्टूबर को मतदान होगा। राजनीति दल विस चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं और प्रतिद्वंद्वियों को मात देने की रणनीति तैयार की जा रही है। वहीं सत्तारूढ़ दल भाजपा ने हरियाणा विधानसभा चुनावों में वोटिंग का दिन बदलवाने की मांग की है। भाजपा ने इस दौरान चार-पांच छुट्टियां होने की वजह से मतदान प्रतिशत कम होने का अंदेशा जताया है। साथ ही, दो अक्तूबर को बिश्नोई समाज का राजस्थान के मुकाम गांव में सालाना मेला है। इस वजह से इस समाज के वोटिंग प्रतिशत में भी कम आने की आशंका है।
लिहाजा, इसी को ध्यान में रखते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मतदान की तारीख बदलने की मांग की है।
चुनाव आयोग को लिखे पत्र में तर्क दिया गया है कि बिश्नोई समाज का राजस्थान के मुकाम गांव में 2 अक्टूबर को बड़ा मेला है। जिसके चलते मतदान कम होने की संभावना है और दो अक्टूबर को आसोज की अमावस्या है। इस दिन बिश्नोई समाज का बीकानेर जिले के मुकाम गांव में सालाना मेला लगता है। इस मेले में हरियाणा के बिश्नोई समाज से बड़ी संख्या में लोग जाते हैं। मेला 2 अक्टूबर का है। ऐसे में बिश्नोई समाज के लोग मेले में भाग लेने के लिए पहली अक्तूबर को ही चले जाएंगे। इस वजह से इस समाज की वोटिंग प्रतिशत भी कम रहने का अनुमान है।
बता दें कि विधानसभा चुनावों के लिए 16 अगस्त को कार्यक्रम घोषित हुआ था। आगामी पांच सितंबर को चुनावों के लिए नोटिफिकेशन जारी होगा और इसी दिन से नामांकन-पत्र जमा करवाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 12 सितंबर तक फार्म जमा हो सकेंगे। इसके बाद पहली अक्तूबर को वोटिंग होगी और चार अक्तूबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे।
अक्टूबर के पहले सप्ताह में ही तीन अवकाश
हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटों पर पहली अक्टूबर को मतदान होगा, उस दिन वर्किंग डे यानी मंगलवार है। इसके बाद दो अक्तूबर को गांधी जयंती के मौके पर सरकारी अवकाश रहेगा। इससे पहले शनिवार और रविवार का अवकाश है। सोमवार को एक दिन की छुट्टी लेकर कर्मचारी व आम लोग छुट्टियों में बाहर जाने का प्लान बना सकते हैं। इस वजह से भाजपा को मतदान प्रतिशत कम होने की आशंका है। इसका नुकसान भाजपा को मुख्यत शहरी सीटों पर उठाना पड़ सकता है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली द्वारा चुनाव आयोग को लिखे पत्र में सुझाव के साथ आग्रह भी किया गया है कि मतदान की तारीख ऐसे दिन तय की जाए, जिसके एक दिन पहले और एक दिन बाद सरकारी छुट्टी ना हो। अगर आगे-पीछे छुट्टियां मिल जाती हैं तो भी लोग परिवार के साथ बाहर जाने का कार्यक्रम बना लेते हैं। बड़ौली का कहना है कि अगर इन बातों को ध्यान में रखते हुए वोटिंग का दिन तय हुआ तो प्रदेश में मतदान प्रतिशत बढ़ सकता है।
भाजपा का तर्क पंजाब में भी बदली गई है तारीख
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली की ओर से चुनाव आयोग को लिखे गए पत्र में यह भी कहा है कि आयोग पूर्व में भी मतदान की तारीख बदल चुका है। फरवरी 2022 में हुए पंजाब विधानसभा के चुनाव के लिए मतदान का दिन आयोग ने 14 फरवरी तय किया था। इस दिन संत रविदास की जयंती होने की वजह से इसे बदल कर 16 फरवरी को वोटिंग करवाई गई। इसी पैटर्न पर हरियाणा भाजपा ने भी चुनाव आयोग ने मतदान की तारीख में बदलाव की मांग की है।
कांग्रेस का तंज : चुनाव से भाग रही है भाजपा
भाजपा द्वारा मतदान की तारीख बदलने को लेकर चुनाव आयोग को लिखे पत्र के बाद कांग्रेस ने निशाना साधा है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान ने कहा कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नहीं चाहते कि चुनाव समय पर हों, क्योंकि भाजपा चुनाव से भाग रही है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष जानते हैं कि भाजपा हारने वाली हैं, इसलिए चुनाव टालने की बात कर रही है। उदयभान ने कहा कि प्रदेश सरकार ने शिक्षा व्यवस्था पूरी तरीके से ठप कर दी है। इतनी पर्चियां लीक हुई की परीक्षाओं को दोबारा करना पड़ा है और कौशल रोजगार निगम में भी घोटाले सामने आए हैं।
इनेलो ने भी पत्र लिख चुनाव आयोग से की तारीख बदलने की मांग
इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर 1 अक्टूबर को होने वाले मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने की मांग की। उन्होंने पत्र में लिखा कि भारत निर्वाचन आयोग की अधिसूचना के अनुसार हरियाणा राज्य में चुनाव प्रक्रिया 5 सितंबर 2024 से शुरू होगी, मतदान 1 अक्टूबर 2024 को होगा और वोटों की गिनती 4 अक्टूबर, 2024 को होगी। उन्होंने चुनाव आयुक्त को ध्यान दिलाते हुए लिखा कि मतदान के दिन से पहले दो राजपत्रित छुट्टियां हैं, यानी 28 सितंबर 2024 को शनिवार और 29 सितंबर 2024 को रविवार है। 1 अक्टूबर को भी मतदान अवकाश है और उसके बाद दो राजपत्रित छुट्टियां होंगी। यानी 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी जयंती और 3 अक्टूबर 2024 को महाराजा अग्रसेन जयंती है। चूंकि लोग आमतौर पर लंबे सप्ताहांत पर छुट्टियों पर जाते हैं, इसलिए यह निश्चित रूप से मतदान को प्रभावित करेगा। मत प्रतिशत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और मतदान प्रतिशत में 15 से 20 प्रतिशत की कमी होने की संभावना है। इसके अलावा चुनाव के लिए कर्मचारियों के प्रशिक्षण के साथ-साथ चुनाव की तैयारी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।